मानव भूगोल
जनसंख्या का तात्पर्य किसी क्षेत्र अथवा सम्पूर्णविश्व में निवास करने वाले लोगों की संपूर्ण संख्या सेहोता है। पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल का मात्र आठवांहिस्सा ही मानव के रहने योग्य है। संपूर्ण पृथ्वी केतीन-चौथाई हिस्से में महासागर स्थित हैं जबकिथलमंडल का के 14 फीसदी हिस्से में मरुस्थल और27 फीसदी हिस्से में पर्वत स्थित हैं। इसकेअतिरिक्त काफी ऐसा क्षेत्र है जो मानव के निवासयोग्य नहीं है। पृथ्वी के सुदूर उत्तरी क्षेत्र में अंतिममानव बस्ती एलर्ट है जो नुनावुत, कनाडा केइल्लेसमेरे द्वीप पर स्थित है। दूसरी ओर सुदूरदक्षिण में अंटार्कटिका पर अमुंडसेन-स्कॉट पोलस्टेशन है। 1650 के बाद के लगभग 300 वर्र्षों मेंविश्व जनसंख्या में इतनी तीव्र गति से वृद्धि हुई हैजितनी किसी पूववर्ती काल में अनुमानित नहीं थी।
दिसंबर 2009 के आंकड़ों के अनुसार विश्व कीजनसंख्या 6,803,000,000 थी। एक मोटे अनुमानके अनुसार 2013 और 2050 में विश्व की जनसंख्याक्रमश: 7 अरब और 9.2 अरब हो जाएगी।
जनसंख्या वृद्धि मुख्य रूप से विकासशील देश में हीहोगी। जनसंख्या घनत्व के लिहाज से भी विश्वजनसंख्या में काफी विविधता है। दुनिया कीबहुसंख्यक जनसंख्या एशिया में निवास करती है।
एक अनुमान के अनुसार 2020 तक दुनिया की 60फीसदी जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में निवास कर रहीहोगी।
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